दुनिया अजीबो-गरीब चीजों से भरी पड़ी है। बहुत सी चीजें ऐसी हैं, जिनका पता तो इंसानों ने लगा लिया है, और बहुत सारी ऐसी चीज़ें हैं ऐसी जगहें हैं जिसके बारे में अभी किसी को पता ही नहीं है, और जिसके बारे में आता है तो है लेकिन उनके रहस्य अभी तक नहीं सुलझ पाए। इसमें एक नाम है यमन में स्थित ‘वेल ऑफ हेल’ का, जिसे ‘वेल ऑफ बरहूत’ भी कहा जाता है। वैसे तो ये जगह यहां के रहने वालों को शुरू से डराती आई है, लेकिन वैज्ञानिकों के लिए ये हमेशा से बहुत ही दिलचस्प रही है।
200 फीट से ज्यादा गहरा
‘वेल ऑफ हेल’ का मतलब है नरक का कुंआ, जहां कोई नहीं जा सकता, स्थानीय लोगों का मानना है कि ये प्राकृतिक छेद ही नरक का रास्ता है, इन्हीं सब सवालों का जवाब ढूंढने के लिए इसके ऊपर वैज्ञानिक लंबे समय से शोध कर रहे थे। जब कुछ खास जानकारी नहीं मिली, तो एक टीम को अंदर भेजने का प्लान बनाया गया। यमन के अल-महरा प्रांत के रेगिस्तान में स्थित इस प्राकृतिक छेद की चौड़ाई 100 फीट और गहराई तकरीबन 200 फीट है।
जिन रहने की है अफवाह
मीडिया से बात करते हुए एक स्थानीय नागरिक ने बताया कि उनको उस इलाके में जाने पर बहुत डर लगता है। वो शुरू से सुनते आए हैं कि उसमें जिन (भूत-प्रेत) रहते हैं। बस इन्हीं सब अफवाहों पर से पर्दा उठाने के लिए ओमान केव एक्सप्लोरेशन टीम (ओसीईटी) के 8 सदस्यों की एक टीम इस रहस्यमयी छेद में उतरी, जहां पर उनको हैरान कर देने वाला नजारा दिखा।
सांप के साथ केव पर्ल
मामले में ओमान में जर्मन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के भूविज्ञान प्रोफेसर मोहम्मद अल-किंडी ने कहा कि उनकी टीम अंदर जाने को लेकर बहुत उत्सुक थी, जब वो नीचे पहुंचे तो उनको वहां पर कई सांप नजर आए। लेकिन वो सांप ऐसे थे कि उनको जब तक आप परेशान नहीं करेंगे, तब तक वो आपको नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। उनके अलावा कुछ मृत जानवर और केव पर्ल्स (गुफा के मोती) वहां पर मौजूद मिलीं।
किस चीज की दुर्गंध अंदर थी?
बताते चलें कि खोजकर्ताओं के मुताबिक सतह से वो 367 फीट तक नीचे गए थे। वहीं अंदर कुछ दुर्गंध आ रही थी, लेकिन वो मरे हुए जानवरों की ही लग रही थी, हालांकि दुर्गंध का रहस्य ठीक तरीके से नहीं सुलझा। उन्होंने ये भी बताया कि जिस तरह से उन्होंने भूत प्रेतों आदि की बातें सुनी थीं, वैसा वहां पर कुछ नहीं था, ये सब बकवास वाली बातें लगी.
अंदर से लिए सैंपल
बताते चलें कि, खनन और पेट्रोलियम कंसल्टेंसी फर्म के मालिक किंडी ने कहा कि हमारे जुनून ने हमें ऐसा करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्हें लग रहा था कि वहां पर कुछ ऐसा है, जो शायद यमन के इतिहास को सामने लाएगा। फिलहाल उनकी टीम ने अंदर के पानी, चट्टानों, मिट्टी और कुछ मृत जानवरों के नमूने एकत्र किए हैं, लेकिन उसका विश्लेषण नहीं किया गया। जल्द ही इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी।
सुपर वॉल्केनो है कुंआ?
वहीं यमनी अधिकारियों ने जून में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि गड्डे की गहराई के बारे में क्या है, इसका पता उन्हें नहीं है। उनका यह अनुमान है कि वो लाखों साल पुराना है, लेकिन नीचे आज तक कभी कोई गया नहीं। महरा के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और खनिज संसाधन प्राधिकरण के महानिदेशक सलाह बभैर ने कहा कि उनकी टीम ने अंदर अजीब सी चीजें देखीं। जिसमें कुछ अजीब बदबू आ रही थी। ये एक रहस्यमयी स्थिति है। कुछ लोगों ने अनुमान लगाया है कि ये कुआं एक सुपर वॉल्केनो है, जो अंततः फट जाएगा, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है इसलिए कुछ कहाँ नहीं जा सकता।