आधुनिकता के बढ़ते दौर में एक बार फिर टाटा ग्रुप आफ इंडस्ट्री ने दिखाई अपनी इच्छा। जी हां टाटा ग्रुप बहुत जल्द ही हमारे देश में 5G नेटवर्क लेकर आने वाला है। जिससे वह नोकिया, जियो और हुआवे जैसी बड़ी कंपनियों को टक्कर दे पाएगा।
टाटा संस ने टेलीकॉम इक्विपमेंट मेकर तेजस नेटवर्क से एक डील साइन की है। जिस की मदद से वह नेटवर्किंग की दुनिया में अपना परचम लहराने जा रहा है।
हालांकि रिलायंस ग्रुप की 44वें एनुअल जनरल मीटिंग में मुकेश अंबानी ने देश को जिओ की मदद से 2G मुक्त और 5G युक्त करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि देश में 5G सबसे पहले जिओ ही लेकर आएगा। जिओ ने 5G तकनीक को विकसित करने में एक बड़ी सफलता हासिल की है। मुकेश अंबानी का मानना है कि 5G के परीक्षणों के दौरान जिओ ने 1GBPS की सफलता हासिल की है। जिओ द्वारा 5G का परीक्षण दिल्ली, मुंबई जैसे कई अन्य शहरों में किया जा रहा है।
वहीं टाटा ग्रुप भी 5G की दुनिया में जियो और नोकिया जैसे कंपनियों को कड़ी टक्कर देने के लिए अपनी पूरी तैयारी कर रहा है। इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा संस की इकाई पैनाटोन फिनवेस्ट लिमिटेड प्रेफरेंशियल इश्यू की मदद से तेजस नेटवर्क में 43.35 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी। इस डील को लेकर तेजस नेटवर्क ने अपने बयान में कहा कि उसने टाटा संस (टाटा समूह की होल्डिंग फर्म) की सहायक कंपनी पैनाटोन फिनवेस्ट के साथ बाध्यकारी समझौता किया है। इस समझौते के तहत कंपनी पैनाटोन को तरजीही आधार पर 258 रुपए प्रति शेयर की दर से 1.94 करोड़ इक्विटी शेयर जारी करेगी, जो कुल 500 करोड़ रुपए के होंगे।
कंपनी के अनुसार इसके बाद 3.68 करोड़ वारंटों का एक और तरजीही आवंटन होगा, जिनमें से प्रत्येक को 258 रुपए प्रति इक्विटी शेयर की दर से एक शेयर में बदला जा सकता है, जिसकी कुल राशि 950 करोड़ रुपए होगी। टेलीकॉम कंपनी ने बताया है कि पैनाटोन द्वारा वारंट जारी होने की तारीख से 11 महीने के भीतर एक या कई चरणों में इस विकल्प का इस्तेमाल किया जा सके गा। इसके अलावा 1.55 करोड़ वारंटों का तरजीही आवंटन भी किया जाएगा। जिनमें से प्रत्येक को 258 रुपए प्रति इक्विटी शेयर की दर से शेयर में बदला जा सकता है। जिसकी कुल राशि 400 करोड़ रुपए होगी। वारंट को जारी करने की तारीख से 18 महीनों के भीतर इस विकल्प का इस्तेमाल किया जा सकता है।
72 प्रतिशत तक होगी हिस्सेदारी-
तेजस नेटवर्क ने अपने इंटरव्यू में बताइ कि पैनाटोन प्रबंधन में कुछ कर्मचारियों द्वारा तेजस नेटवर्क के 13 लाख इक्विटी शेयरों का अधिग्रहण कराया जाएगा। जिसकी दर 258 रुपए प्रति इक्विटी शेयर से अधिक नहीं होगी और इसकी कुल राशि 34 करोड़ रुपए है। इसके बाद पैनाटोन और टाटा समूह की अन्य कुछ कंपनियां सेबी के अधिग्रहण नियमों के अनुसार तेजस नेटवर्क के 4.03 करोड़ इक्विटी शेयरों के अधिग्रहण के लिए एक खुली पेशकश करेंगी। जब यह डील पूरी होगी तो तेजस नेटवर्क में टाटा संस की हिस्सेदारी बढ़कर 72 फीसदी तक पहुंच जाएगी।
टाटा ग्रुप आफ इंडस्ट्री 5G की लहर लाने के लिए तैयार है। तेजस नेटवर्क की मदद से टाटा संस को हार्डवेयर के स्पार्ट मिलेंगे, जबकि सॉफ्टवेयर कैपेबिलिटी के लिए टीसीएस ही काफी है। हम सब जानते हैं कि भारतीय एयरटेल और टीसीएस ने जब 5G नेटवर्किंग के लिए पार्टनरशिप का ऐलान किया था। तब से दोनों कंपनियां देश में 5G तकनीकी के लिए काम कर रही हैं। एयरटेल 2022 में 5G के लिए पायलट प्रोजेक्ट का काम शुरू कर देगा।
तेजस नेटवर्क का मुख्य उद्देश्य टेलीकॉम कंपनियों को इक्विपमेंट्स उपलब्ध करवाना था। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक तेजस और टाटा संस की तरफ से पी.ल.आई. स्कीम के तहत इंसेंटिव को लेकर भी आवेदन डाला गया है। अब हमें रिलायंस जिओ के साथ-साथ टाटा इंडस्ट्री का भी 5G की दुनिया में बेसब्री से इंतजार रहेगा ।