2016 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिये कुश्ती का मेडल जीतने वाली रितु फोगाट ने फरवरी 2019 में रेसलिंग छोड़कर मिक्सड मार्शल आर्टस में अपने करियर की शुरुआत की थी। जिसकी वजह से वह टोक्यो ओलंपिक 2020 की पहलवानी में भाग नहीं ले सकी।
शुक्रवार को चीन की “एमएमए सिस्टर लिन हेचीन” को हराकर रितु फोगाट ने अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की।
पहले राउंड की शुरुआत में ही दोनों प्रतिद्वंद्वियों ने एक दूसरे के खेल को समझने का प्रयास किया। लेकिन वक्त को ना गवाते हुए फोगाट ने टेकडाउन स्कोर कर स्कार्फ-होल्ड सबमिशन लगाने की कोशिश की, मगर चीनी एथलीट ने उसे काउंटर कर बैक कंट्रोल प्राप्त करने का प्रयत्न किया।
दूसरी राउंड की शुरुआत से ही फोगाट ने कई दमदार राइट हैंड्स लगाने के बाद ” एमएमए सिस्टर” को एक बार फिर टेकडाउन किया। ग्राउंड गेम में रहते उन्होंने हेचीन को कई खतरनाक एल्बो स्ट्राइक्स और पंच लगाए और राउंड के अंतिम क्षणों में उन्होंने जबरदस्त तरीके से राइट हैंड्स से वार किए।
आखिरी राउंड में रितु फोगाट आत्मबल के विश्वास के साथ खेल में उतरी थी। जिसकी वजह से वो हेचीन के डिफेंस को तोड़ते हुए पंच और एल्बोज़ लगाने में सफल हो रही थीं। इस राउंड में भी फोगाट ने फाइट को ग्राउंड गेम में लाकर अंत तक माउंट पोजिशन में रहकर बढ़त बनाए रखी और आखिर में तीनों निर्णायक ने उनके हक में फैसला सुनाया।
पूरा भारत रितु को”द इंडियन टाइग्रेस” के नाम से जानता है। रितु के सर पर अपने चाहने वालों की उम्मीदों पर खरा उतरने का जुनून था। जिसमें वह सफल साबित हुई। उन्होंने तीन राउंड तक चले जबरदस्त एक्शन के बाद एटमवेट “एमएमए” मुकाबले में सर्वसम्मत निर्णय से चीनी प्रतिद्वंदी को हराकर एक बार फिर से जीत की लय प्राप्त की।