नोएडा के डीएम सुहास एलवाई ने पैरालंपिक्स में सिल्वर मेडल जीता उन्होंने फ्रेंच शटलर से हार मिलने के बाद सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले आईएएस बन गए।
कर्नाटक में जन्म लेने वाले सुहास एलवाई नोएडा के डीएम होने के साथ ही एक बेहतरीन बैडमिंटन स्टार भी हैं। इस जश्न को आजमगढ़ में बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया और इस धूमधाम में शहर के बहुत लोगों ने हिस्सा लिया। कैफी आज़मी का कहे जाने वाला शहर आजमगढ़ में इस समय सुहास के ही चर्चे हो रहे हैं।
बैडमिंटन चैंपियनशिप में सिल्वर जीतने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने के साथ ही शहर लौटने पर उमड़ी भीड़ को देखकर सुहास खुद ही आश्चर्यचकित हो गए। उनके लिए यह कोई नार्मल बात नहीं थी। जब उनके स्वागत के लिए इतनी भीड़ मौजूद थी।
सुहास का परिचय
कर्नाटक के शहर में जन्मे सुहास बचपन से ही एक पैर से विकलांग थे। उनका दाहिना पैर पूरी तरीके से ठीक नहीं है। जिसके कारण उन्हें बचपन में बहुत ताने सुनने पड़ते थे और लोग उनकी कमियों को उनकी कमजोरी बनाने में लगे रहते थे। लेकिन सुहास अपनी पढ़ाई पर ध्यान देते। सिविल इंजीनियर पिता उनके साथ खड़े होकर उनका सहारा बनते थे।
सुहास ने स्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस में डिस्टिंक्शन के साथ अपनी इंजीनियरिंग पूरी की। सुहास अपनी कमियों को पीछे छोड़ते हुए जब इंजीनियरिंग और मेडिकल दोनों की परीक्षाएं दी, तो वह दोनों में पास हो गए और पहले ही राउंड की काउंसलिंग के बाद उन्हें बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज में सीट भी मिल गया। लेकिन मन इंजीनियरिंग की ओर ही लगा था और पूरा परिवार चाहता था कि सुहास डॉक्टर बने। लेकिन उनके पिता ने उन्हें अपनी इच्छा अनुसार निर्णय लेने की आजादी दी और कहा जा बेटे जी ले अपनी जिंदगी।
इसके बाद सुहास ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए खेलकूद में भी अपना रूची बनाए रखी। सुहास को क्रिकेट खेलना भी काफी पसंद हैं।उन्होंने कभी प्रोफेशनल एथंलिस्ट बनने की बात नहीं सोची थी। लेकिन किस्मत में उन्हें डीएम के साथ-साथ एथलिस्ट भी बना दिया।