शापूर्जी पलोंजी ग्रुप की कंज्यूमर ड्यूरेबल्स फ्लैगशिप कंपनी यूरेका फोर्ब्स कंपनी देखने जा रही है। प्राइवेट इक्विटी ग्रुप एड्वेंट इंटरनेशनल कंपनी इसे खरीदने के लिए राजी भी हो गई है। इस कंपनी का इंटर प्राइस वैल्यू ₹4,400 करोड़ लगाया गया है।
यूरेका फॉर्ब्स वेक्यूम क्लीनर और वाटर प्यूरीफायर बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी में शामिल है। इसे बेचने का मेंस मकसद है कि इस 154 साल पुराने एपी ग्रुप को अपना कर्ज कम करने और कोर बिजनेस पर फोकस करने के लिए इस कंपनी को बेचा जा रहा है।
यूरेका फॉर्ब्स की बात की जाए तो यह घाटे में चल रही है। वहीं एसपी ग्रुप का मुख्य कारोबार कंस्ट्रक्शन और रियल स्टेट का है। इस कंपनी को लिस्टेड पेरेंट्स कंपनी फोर्ब्स एंड कंपनी से अलग किया जा रहा है और एनसीएलटी की मंजूरी मिलने के बाद भी एसपी पर इस कंपनी का लिस्ट किया जाएगा।
इस सौदे को अभी नियमित तौर पर मंजूरी मिलनी बाकी है। टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में 18% से ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाली एसपी ग्रुप इस समय 30000 करोड़ रुपए से अधिक कर्ज में हैं।
टाटा ग्रुप ने खरीदा
इस कंपनी पर विनिवेश करने के लिए बोर्ड की रविवार को बैठक हुई ईटी ने 9 सितंबर को खबर दी थी कि यूरेका फॉर्ब्स को खरीदने की होड़ में एडवेंट सबसे आगे चल रहा है। पलौंजी परिवार ने दो दशक पहले यह कारोबार टाटा ग्रुप से खरीदा था और इसका जिम्मा स्टेट स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक को दिया गया था लेकिन कोरोना के चलते हुए, इसे बीच में ही रोकना पड़ा।
एडवेंट ने सिंगापुर की Temasek के साथ मिलकर कॉम्पटन ग्रीव्स के कंज्यूमर बिजनेस को इस तरह की डिमर्जर प्रक्रिया में खरीदा था,
फिर इस कंपनी ने पब्लिक मार्केट में कंपनी के शेयरों को किस्तों में बेचा। उसने ब्लॉक क्रेन के जरिए 5.36 वी सदी की अंतिम किस्त भी भेज दी।
यूरेका फोर्ब्स का
इस कंपनी का वाटर प्यूरीफायर और वेक्यूम क्लीनर का देश का सबसे बड़ा कारोबार है। 35 देशों में इसके करीब दो करोड़ ग्राहक है लेकिन बढ़ती स्पर्धा के कारण कंपनी घाटे में चल रही है।
इस कंपनी में शापूर्जी पलौंजी समूह की टाटा संस में 18.37 फ़ीसदी हिस्सेदारी है। पलौंजी मिस्त्री के बेटे साइरस मिस्त्री को रतन टाटा की जमानत टाटा संस को चेयरमैन बनाया गया था, लेकिन 4 साल में ही में अचानक से इस पद से हटा दिया गया और तभी से उनकी टाटा समूह के साथ संबंध बिगड़े हुए हैं। टाटा समूह ने खुद ही एसपी समूह को हिस्सेदारी खरीदने का प्रस्ताव दिया था लेकिन इनका परिवार इसके लिए तैयार नहीं हुए हाल ही में कोर्ट ने इस मामले में टाटा के पक्ष में फैसला दिया भी था।