एसपीजी की हालत हुई खराब जब राजीव गांधी ने अपने सुरक्षाकर्मियों के कारों की चाबियां फेंक दी नाली में

dn

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे राजीव गांधी कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज और लंदन के इंपीरियल कॉलेज से पढ़े थे। राजीव गांधी शुरू से ही पायलट बनना चाहते थे उन्हें कभी भी राजनीति क्षेत्र में कोई दिलचस्पी नहीं थे लेकिन किस्मत को तो उन्हें पायलट के रूप में नहीं बल्कि राजनेता के रूप में देखना मंजूर था।
1980 में जब उनके छोटे भाई संजय गांधी का विमान दुर्घटना में निधन हो गया तो इंदिरा गांधी राजनीति में बिल्कुल अकेली पड़ गई जिसके चलते राजीव गांधी ने उनके सहयोग के लिए बिना मन से राजनीति में आ गए।

राजीव गांधी सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री होने के साथ ही टेक्नोलॉजी और कंप्यूटर क्रांति के प्रमुख भी थे। जब 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वे चुनाव में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला और इस बहुमत के आधार पर राजीव गांधी देश के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने। राजीव गांधी बहुत ही सरल स्वभाव के थे लेकिन उनके विषय में कहा जाता है कि वह दोस्तों के दोस्त थे और दुश्मनों के दुश्मन।

इंदिरा गांधी के हत्या के बाद राजीव गांधी जब प्रधानमंत्री बने तो उनकी सुरक्षा काफी ज्यादा बढ़ा दी गई थी स्वभाव के सरल होने के कारण राजीव गांधी को यह सब पसंद नहीं आता था। वह अक्सर सुरक्षाकर्मियों को बिना बताए ही निकल जाते थे और उन्हें अपना जीप खुद ही चलाना पसंद आता था। Rajiv Gandhi

मीडिया रिपोर्ट की अगर मानें तो 1 जुलाई 1985 को वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल लक्ष्मण माधव काटरे के निधन की खबर आई।दोपहर में राजीव और सोनिया शोक व्यक्त करने उनके घर पहुंच। इस दौरान राजीव और सोनिया दोनों के सुरक्षाकर्मी भी उनके पीछे पीछे चलते रहे राजीव गांधी जब काटने के घर से निकले तो उन्होंने देखा कि उनकी सुरक्षा में ढेर सारी कारें खड़ी हुई है। उन्होंने पुलिस अधिकारी को बुलाकर यह सुनिश्चित किया कि यह कारें हमारे पीछे ना आए और वे सोनिया गांधी के साथ जीप खुद चलाते हुए निकल पड़े। उस समय बहुत तेज बारिश हो रही थी और उनकी सुरक्षा के मद्देनजर वे सारी कारें थोड़ी देर बाद उनके पीछे चलने लगी।

तभी अचानक राजीव गांधी ने अपनी जीप रोकी और बारिश में भीगते हुए बाहर निकले उन्होंने सभी कारों की चाबियां निकाली और नाली में फेंक दी और फिर अकेले ही सोनिया के साथ निकल पड़े। यह देखकर एसपीजी की हालत तो बुरी तरीके से खराब हो गई लेकिन कुछ मिनटों बाद जब यह पता चला कि राजीव गांधी सुरक्षित घर पहुंच गए हैं। तब उनके जान में जान आया। ऐसी कई घटनाएं हैं जब राजीव गांधी बिना दिखावा किए हुए अपने कार्यों को बड़ी ही सहजता से कर लेते थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top