कोरोना के पहले तो प्राइवेट कंपनियां काम लेने में ढिलाई नहीं करती थी, लेकिन कोरोना के चलते कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम करने की सलाह दी। जिसके परिणाम स्वरूप लोग अपने घर पर ही बैठकर कंपनियों के काम करने लगे। आखिर किसे को यह बेकार लगे कि घर बैठे काम करो और सैलरी भी पाते रहो।
एक शख्स ने अपनी कहानी सोशल मीडिया पर साझा की। उनके मुताबिक उनकी कंपनी में घर पर बैठकर कार्य करते रहो। कुछ ही दिनों में आपकी सैलरी भी बढ़ती रहेगी तथा प्रमोशन भी जल्द ही हो जाएगा। ऐसी नौकरी भला किसको नहीं चाहिए होती है। तो आइए हम आपको उस शख्स द्वारा बताए गए उनके कंपनी के बारे में बताते हैं-
इस शख्स ने बताया कि जब मैंने कंपनी में डाटा एंट्री के लिए अप्लाई किया था तो मेरी क्वालीफिकेशंस देखकर मुझे कंपनी द्वारा नाइट ड्यूटी के लिए रखा गया। मेरा काम जाना नहीं होता था। मुझे बस डाटा को अपने कंप्यूटर पर चढ़ाना होता था। इसके लिए मुझे ट्रेनिंग भी दी गई थी। ट्रेनिंग के बाद मुझे पता चला कि यह सब काम कोडिंग से काफी आसान हो जाता है तो मुझे कोडिंग नहीं आती थी।
मैंने एक फ्रीलांसर को अपने डाटा को कोडिंग करने के लिए रखा। मुझे बस अपने डाटा को इनपुट करना पड़ता था और मेरा डाटा तैयार हो जाता था। वर्क फ्रॉम होम होने से मुझे और भी ज्यादा आसानी होती थी। मैं घर बैठे बस यही देखता था कि कुछ ऐसा है जो कोड नहीं किया जा सकता और मैं अपने डाटा को कोडिंग में जोड़कर काफी आराम करता था। मैं काम करने लगता था, फिल्में देखने लगता था, बाहर घूमने चला जाया करता था क्योंकि मेरा सभी कार्य कोडिंग ने आसान कर दिया था।
अपने अच्छे कार्य और जल्दी काम हो जाने के कारण हो मेरी सैलरी भी बढ़ जाया करती थी और मुझे कई बार दूसरी कंपनियों से ऑफर भी आया करता था। मुझे अभी तक 10 से भी ज्यादा कंपनियों ने अपने यहां काम करने के लिए लेटर भेजा है। कोडिंग के जरिए मैंने घर पर रहकर काम करते हुए काफी अच्छे खासे पैसे भी कमाने गए।
मैंने एक भी दिन की छुट्टी नहीं ली। जिसकी वजह से मेरी सैलरी बढ़ती चली गई और मेरे अच्छे काम को देखकर कंपनी ने मुझे प्रमोशन भी दे दिया। मैं घर बैठे आराम करते हुए प्रमोट हो गया। उस व्यक्ति द्वारा बनाया गया कोड कंपनी ने 4 साल बाद बनाया और उसकी चोरी पकड़ी गई। जिसके परिणाम स्वरूप कंपनी ने उस शख्स को किसी और पद पर भेज दिया।