हम सभी यही चाहते है की हमारे देश का तिरंगा सबसे ऊपर रहे। इसके लिए इस बार तैयारी कर ली गयी है, अब से हमारा तिरंगा एशिया का सबसे ऊंचा तिरंगा बनने जा रहा है। यह झंडा हिंदुस्तान-पाकिस्तान के अटारी बॉर्डर पर लहराएगा, जिसकी ऊंचाई 460 फीट होगी। यहां जीरो लाइन से 200 मीटर की दूरी पर मौजूद रहेगा। इसमें तिरंगा पोल की ऊंचाई अभी 360 फीट है। जिसे 100 फीट और ऊंचा करना है। इसके लिए \केंद्रीय गृहमंत्रालय के पास प्रस्ताव भेजा गया है। इसके लिए जल्द ही मंजूरी मिलने वाली है।
इसके पहले मार्च 2017 में स्थापित किए गए देश के सबसे ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का वजन 55 टन है। वहीं, झंडे की लंबाई 120 तथा चौड़ाई 80 फीट थी। जिसे अब एनएचएआई ने 100 फीट और ऊंचा करने की मंजूरी केंद्र से मांगी है। अगर यह होता है, तो एशिया का सबसे ऊँचा झंडा भारत देश का होने वाला है।
अभी पाकिस्तान का झंडा हमसे ऊंचा है
झंडा फहराने में पाकिस्तान भी हमसे पीछे नहीं है, अभी पाकिस्तान से लगते अटारी बार्डर के उस पार हरे रंग का झंडा हमारे तिरंगे से ज्यादा ऊंचा लहरा रहा है। लेकिन यह भी इसके बाद पीछे हो जाएगा। जहां अभी हमारा ध्वज गैलरी में बैठने वालों को दिखाई नहीं देता। वहीं, पाकिस्तान का 400 फीट ऊंचा झंडा दिखाई दे जाता है। इसको लेकर भारतीय दर्शकों ने कई बार ऐतराज भी जताया है, इसके बाद इसे और ऊपर करने पर विचार किया जा रहा है ।
नेशनल हाई-वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने बीएसएफ के सुझाव पर शिफ्टिंग तथा ऊंचाई बढ़ाने की पहल की है। इसके मुताबिक ध्वज जब शिफ्ट होगा तो ऊंचाई भी 100 फीट और बढ़ाई जाएगी, जिससे यह और ऊपर 460 फीट का एशिया का सबसे ऊंचा ध्वज हो जाएगा।
मथुरा में फहराया गया था 100 फुट ऊंचा तिरंगा
आपको बता दे जो इससे पहले देश में ऊंचे राष्ट्रध्वज कई जगहों पर फहराए जा चुके हैं। लेकिन दिसंबर 2018 में देश के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए उत्तर मध्य रेलवे ने मथुरा जंक्शन पर 100 फुट ऊंचा तिरंगा फहराया था। जहा पर लांसनायक शहीद जवान हेमराज की पत्नी धर्मवती मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में पहुंची थी। इसका उद्देश्य लोगों में देश प्रेम की भावना जागृत करना और नौजवानों को प्रेरणा देने के साथ साथ शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए रेलवे ने ऐसा ध्वज लगवाया था। इस तरह का कार्यक्रम रेलवे द्वारा पहले नहीं किया गया था।