यह घटना मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की है। जहां 13 वर्षीय मासूम कृष्णा ने फंदे पर लटक कर दे दी अपनी जान। कृष्णा के परिवार में उसकी माता पिता और एक बड़ी बहन है। कृष्णा के पिता विवेक एक पैथोलॉजी संचालक है और माता प्रीति पांडे अस्पताल में कार्यरत हैं।
यह घटना उस वक्त की है, जब कृष्णा की माता और पिता दोनों ही अपने काम से गए हुए थे। कृष्णा छठी कक्षा का छात्र था और अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए अपनी मां के मोबाइल से ऑनलाइन क्लास किया करता था, लेकिन कहते हैं ना कि बच्चों का मन बहुत ही चंचल होता है। वह ऑनलाइन क्लास के साथ – साथ ऑनलाइन गेम “फ्री फायर” खेलने लगा था। खेलने तक तो ठीक था, लेकिन कृष्णा को उस गेम में पैसे लगाने की आदत पड़ गई थी। कृष्णा अब तक ₹40000 हार चुका था, वह पैसे उसकी मां के बैंक अकाउंट से काटे जाते थे। यह बात उसके घरवालों को नहीं पता था।
शुक्रवार दोपहर 3:00 बजे जब कृष्णा और उसकी बड़ी बहन घर पर अकेले थे। तब कृष्णा को उसकी मां का फोन आया। उसकी मां के बैंक अकाउंट से 1500 रुपए काटे गए थे, जिसकी जानकारी के लिए उसने कृष्णा को फोन किया। कृष्णा ने अपनी मां को पूरी बात बताई बात सुनते ही मां ने कृष्णा को खूब डाल फटकार लगाई। फोन कटने के बाद कृष्णा चुपचाप अपने कमरे में चला गया। थोड़ी देर भाई कृष्ण की बहन ने जब उसे आवाज लगाई तो कमरे के अंदर से कोई जवाब नहीं आया।
वह घबरा गई और उसने तुरंत अपने माता-पिता को फोन करके घर बुलाया। घर पर आकर पिता ने जब दरवाजा तोड़ा तो उन तीनों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। कृष्णा अब नहीं रहा। उसने फंदे से लटक कर अपनी जान दे दी थी और एक चिट्ठी अपनी मां के नाम छोड़ी थी। जिसमें उसने कहा था “एम सॉरी मॉम डोंट क्राय” उस नोट में उसने अपने गेम में हारे हुए पैसों की बात लिखी थी। उसने कहा था कि- मैं सुसाइड इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मैं बहुत डिप्रेशन में आ गया हूं। मैं एक बार फिर से आपसे माफी मांगता हूं “आई एम सॉरी मां”।
कृष्ण का सुसाइड नोट इस वक्त सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है लेकिन हम आपसे यह जानना चाहते हैं कि ऐसी घटना पर कैसे रोक लगाया जा सकता है। बच्चों को किस तरह समझाया जाए कि वह ऐसी गलती दोबारा ना करें कृष्णा की जान वापस तो नहीं आ सकती, लेकिन उसके माता-पिता के साथ हमारी हमदर्दी हमेशा रहेगी।