KISANO KE LIYE VARADAN LABH HOGA 10 KAROD KISANO KE LIYE JANE MODI JI KA KISANO SE JUDI 10 BADI BATE

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी किसानो के लिए लाये 10 नए कानून ,नया कृषि कानून 10 करोड़ छोटे किसानों के लिए वरदान।

पिछले 1 महीने से किसान आंदोलन को देखते हुए PM मोदी जी ने आज किसानो के लिए 10 नए कानून लाये जिसके अंतर्गत काम से काम 10 करोड़ छोटे किसानो के लिए वरदान जैसा रहा है इसके अलावा आज मोदी जी ने शुक्रवार को किसानों से संवाद करते हुए कृषि कानून पर चर्चा की. पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को बरगला (गुमराह )  कर विपक्ष अपनी राजनीति चला रहा है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कृषि कानून के फायदे भी गिनाए. और इसके अलावा  9 करोड़ किसानों के खाते में सीधे 18 हजार करोड़ रुपये डाले. इसके अलावा कृषि कानून को लेकर जारी आंदोलन के मुद्दे पर विपक्ष को जमकर लताड़ा. बंगाल में लेफ्ट और ममता सरकार के अलावा पीएम मोदी के निशाने पर कांग्रेस, शरद पवार समेत अन्य विपक्षी नेता रहे. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने किन बड़े मुद्दों का जिक्र किया,

MODI

 

आइये देखते है प्रधान मंत्री जी का किसानो के प्रति लाये जाये 10 नए कानून

 

राजनीती के डालो में न फंसे किसान ,  जिन राजनीतिक दलों को देश की जनता नकार चुकी है, वो आज कुछ किसानों को गुमराह करने में लगे हुए हैं. कुछ लोग किसानों और सरकार की चर्चा नहीं होने दे रहे हैं. राजनीतिक दल सिर्फ चर्चा में आने के लिए इस तरह के इवेंट कर रहे हैं.

 

आंदोलन एक भ्रम है  जितने लोग आज आंदोलन चला रहे हैं वही उस सरकार के साथ थे, जिसने स्वामीनाथन रिपोर्ट को दबाकर रखा था. हमने गांव के किसान के काम को आसान करने की कोशिश की है. जो आज किसानों के लिए आंसू बहा रहे हैं, उन्होंने सत्ता में रहते हुए क्या किया हर किसी को पता है.

 

आंदोलन की शुरुआत में मांग थी कि MSP की गारंटी होनी चाहिए. अब ये आंदोलन भटक गया है, ये लोग कुछ लोगों के पोस्टर लगाकर उन्हें रिहाई की मांग कर रहे हैं, अब कह रहे हैं टोल को खाली कर दो. अब किसान आंदोलन के नाम पर कई मुद्दों को उठाया जा रहा है.

 

पहले कृषि कानून तोड़ने पर किसानों को पेनाल्टी लगती थी, लेकिन अब हमारी सरकार ने ऐसी पेनाल्टी को खत्म कर दिया है. अब खरीदार को किसानों को रसीद भी देनी होगी और तीन दिन के भीतर फसल का पैसा भी देना होगा.

 

अगर कोई किसान से एग्रीमेंट करेगा, तो वो चाहेगा कि फसल अच्छी हो. ऐसे में एग्रीमेंट करने वाला व्यक्ति बाजार के ट्रेंड के हिसाब से ही किसानों को आधुनिक चीजें उपलब्ध करवाएगा. अगर किसी वजह से किसान की फसल अच्छी नहीं होती या बर्बाद हो जाती है, तो भी किसान को फसल का पैसा मिलेगा. एग्रीमेंट करने वाला समझौता नहीं तोड़ सकता है, लेकिन किसान अपनी मर्जी से एग्रीमेट खत्म कर सकता है.

 

देश की सभी सरकारें इस योजना से जुड़ी हैं लेकिन सिर्फ बंगाल के 70 लाख किसानों के ये लाभ नहीं मिल पा रहा है. बंगाल की सरकार राजनीतिक कारणों से किसानों को फायदा नहीं पहुंचाने दे रही है, वहां के किसानों ने सीधा भारत सरकार से अपील की है.

 

जिन लोगों ने बंगाल में 30 साल सरकार चलाई आज वो इस मुद्दे पर कोई आंदोलन नहीं करते हैं. बंगाल के उसी विचारधारा के लोग आज पंजाब पहुंच गए हैं. बंगाल की सरकार अपने राज्यों में किसानों के लाभ को रोक रही है, लेकिन पंजाब पहुंच अपने राजनीतिक दुश्मनों के साथ मिलकर लड़ती हैं

 

MSP खत्म नहीं होगी, मंडियां भी चालू रहेंगी. सरकार ने किसानों को इस बात का भरोसा दिया है, अगर फिर भी कोई शंका है तो सरकार चर्चा के लिए तैयार है.

 

सरकार का फोकस खेती की लागत को कम करने पर है. कई योजनाओं के तहत किसानों को लाभ दिया जा रहा है, मुफ्त बिजली-गैस-पानी सरकार ही दे रही है.

 

हाल ही में राजस्थान, जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में पंचायत चुनाव हुए हैं. इनमें अधिकतर किसानों ने वोट दिया और वहां आंदोलन चलाने वाले दलों को नकारा जा चुका है.

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