हम आज आपको एक ऐसे IPS के बारे में बता रहे है, जो खुद 7 साल तक जेल में रहने के बाद बहार आने के बाद घूसखोर अफसरों को जेल पहुंचा रहे है। आइये इनके बारे में हम आपको बताते है।
घूसखोर अफसरों से जेल भर दी
हम आपको दिनेश एमएन के बारे में बता रहे है, जो राजस्थान के आईपीएस है। आज यह भ्रष्ट अफसरों के लिए काल बन कर उभरे है। इन्होने कई बड़े आईपीएस अफसर से लेकर अन्य बड़े अधिकारियो को जेल पहुंचाया है। एक वक्त में दिनेश एमएन सात साल तक सलाखों के पीछे रहे है, और जब यह जेल से बाहर आये तब इन्होने राजस्थान निरोधक ब्यूरो की कमान संभाली और घूसखोर अफसरों से जेल भर दी |
दिनेश एमएन मूलरूप से कर्णाटक के रहने वाले हैं, यह 1995 बैच के राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी के रूप में चयनित हुए थे। दिनेश एमएन वर्तमान में राजस्थान एसीबी में एडीजी पद पर सेवाएं दे रहे हैं. इन्होने साल 2005 में उदयपुर में जब वे एसपी थे, उस समय राजस्थान और गुजरात पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में हिस्ट्रीशीटर सोहराबुद्दीन शेख का एनकाउंटर कर दिया था, जिस मामले में उन्हें कोर्ट द्वारा 7 साल की सजा सुनाई गयी थी। उन्होंने अपनी 7 साल की सजा काटने के बाद दोबारा अपनी सेवाएं देना जारी रखी।
आईपीएस दिनेश एमएन द्वारा बताया गया की, राजस्थान में यह पहली बार है, कि छह महीने में ही सरकार की किसी स्टेट एजेंसी ने रिश्वतखोर एक आईएएस, एक आईपीएस, सात आरएएस व तीन आरपीएस को जेल पहुंचाया है। इसमें एक कलेक्टर-एसपी और कई आरएएस अधिकारी तो अभी भी जेल की सलाखों के पीछे हैं।
रिश्वत लेने वालो के खिलाफ नंबर जारी
राजस्थान सरकार द्वारा रिश्वत के खिलाफ नंबर जारी किया गया है, इनके खिलाफ शिकायत करने वालो पर राजस्थान एसीबी सालभर कार्रवाई करती रहती है, बीएल सोनी के निर्देशन में हमारी टीमें हर शिकायत को गंभीरता से ले रही हैं, और ऑफिसर को अपराध सिद्ध होने पर जेल भेजा जा रहा है। कोई भी व्यक्ति एसीबी की हेल्पलाइन 1064 नंबर व व्हाट्सएप नंबर पर कॉल कर शिकायत कर सकता है।
साल 2014 में जेल से बाहर आने के बाद राजस्थान एसीबी में आईजी बनाया गया और वह एक्शन में आ गए। यहां पर उन्होंने खनन विभाग के सचिव आईएएस अधिकारी अशोक सिंघवी को ढाई करोड़ के रिश्वत मामले में गिरफ्तार कर जेल पहुंचाया। यह राजस्थान एसीबी के इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक थी।