सांपों के तोड़े गए दांत और फेवीक्विक से चिपकाए गए मुंह, नागपंचमी के दूसरे दिन सामने आया मामला…

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नाग पंचमी का त्यौहार, जिस दिन हम सांप की पूजा करते हैं और उन्हें दूध पिलाते हैं। लेकिन कुछ लोग पैसे कमाने के चक्कर में सांपों को भी नहीं छोड़ते। एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां, नाग पंचमी के दूसरे दिन सांपों का प्रदर्शन करने वाले सपेरों से कई सांपों के साथ जप्त कर लिया गया। आपको बता दें कि जब इन सांपों को वेटरनरी अस्पताल भेजा गया तो डॉक्टर्स भी नहीं देखकर हैरान रह गए। इनमें से अधिकतर सांपों के मुंह को धागे से सिले हुए थे, वहीं कइयों को फेवीक्विक से चिपका दिया गया था। इन सांपों में विषधर कोबरा से लेकर धामन तक शामिल है।

सांपों की जांच के लिए डॉक्टर अमोल रोकड़े, डॉ.सोमेश सिंह, डॉ.देवेंद्र पोधाड़े ने सांपों का इलाज किया तो उन्होंने पाया कि कई सांपों के दांत टूटे हुए हैं, वहीं उनकी विष ग्रंथियां भी निकाल दी गई है। जिसकी वजह से सांपों के मुंह के अंदर घाव हो गया है और वह बेजान पड़ गए हैं। इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें पानी पिलाने की कोशिश की जिसके बाद साप हरकत में आए और तुरंत अपनी जान बचाकर भागने का प्रयास करने लगे, तब उन सांपों को जंगल में छोड़ दिया गया। डॉक्टरों की टीम में डॉ.केपी सिंह, डॉ.निधि राजपूत के अलावा पीजी सुमित, दीक्षा, माधवी आदि भी शामिल थे।

वही स्कूल ऑफ वाईल्ड लाईफ को जैसे ही खबर मिली की कई सांपों को इलाज के लिए लाया जा रहा है। वहा की टीम एक्टिव हो गई और संचालक डॉ.शोभा जावरे ने चिकित्सकों को एलर्ट कर आवश्यक व्यवस्थाएं एवं उपकरणों का इंतजाम किया। संचालक डॉ.जॉवरे ने बताया कि 52 सांपों का इलाज चिकित्सकों द्वारा किया गया। इन सांपों में कोबरा,धामन, अजगर से लेकर दुलर्भ प्रजाति का सांप कॉमन सेंड बोआ भी शामिल थे। उपचार के बाद वन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया।

वन विभाग की कार्यवाही के दौरान सपेरे, सांपों को छोड़कर भाग खड़े हुए। वहीं सिर्फ कुछ महिलाएं और बच्चे ही पकड़ में आए। इन सांपों को अधाराताल, महराजपुर, विजयनगर, लमती, कछपुरा, मदनमहल, संतनगर, छापर, गुप्तेश्वर मेडिकल, तिलवारा, रांझी से पकड़ा गया था। रेस्क्यू टीम, एनजीओ और वन विभग के गुलाब सिंह, विनोद मांझी, भगवानदास गुप्ता, राजेंद्र ठाकुर, धनंजय घोष, रत्नेश आख्या, रिंकु ठाकुर आदि द्वारा इन्हें अस्पताल लाया गया।

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