कॉमेडियन संजय मिश्रा ने देखा मौत को करीब से, तो टूट गए फिल्म फिल्मी दुनिया को अलविदा धो रहे थे ढाबे पर कप

कॉमेडियन संजय मिश्रा ने देखा मौत को करीब से

फिल्म जगत के बड़े कॉमेडियन और हास्य कलाकार संजय मिश्रा को कौन नहीं जानता होगा। ये अपने हंसी मजाक वाले किरदारों को निभाकर उसमें जान डाल देते थे। उनके द्वारा निभाया गया हर एक किरदार इतना लाजवाब होता था कि शायद ही कोई उनकी जैसी एक्टिंग कर पाए। लेकिन उन्होंने अपने जीवन में बड़ी कठिनाइयों का सामना करके इस मुकाम को हासिल किया है।

हम आपको बताते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में मौत को कितने करीब से देखा और उनका हौसला बिल्कुल टूट सा गया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और नतीजा आपके सामने है कि वह इस समय फिल्म जगत के सबसे बड़े हास्य कलाकारों में से एक हैं। संजय जी का जन्म 6 अक्टूबर 1963 को बिहार के दरभंगा में हुआ था। इन्होंने अपने 26 साल के अभिनेता के रूप में 150 से भी अधिक फिल्मों में काम किया है। सभी किरदारों में अपने हुनर की छाप छोड़ दी है। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1995 में शाहरुख खान के साथ फिल्म में काम करके की।

जब संजय मिश्रा ने किया मौत का सामना-

एक इंटरव्यू में संजय जी ने अपने जीवन के सबसे कठिन पलों को हमें बताया और कहा कि एक समय मैं बिल्कुल मरण की अवस्था में था। मैं काफी बीमार था और जांच करने पर पता चला था कि मेरे पेट में इंफेक्शन है। मैं बिल्कुल डेथ बेड पर था उस समय मेरे पिताजी ने मेरी काफी सहायता की लेकिन कुछ समय बाद उनकी मृत्यु होने पर मैं बिल्कुल अकेला हो गया। फिर मैंने फिल्म जगत को छोड़कर मां गंगा की शरण अपनाई और पहाड़ों पर सुंदर प्रकृति को देखने के लिए चला गया।

ढाबे पर बेचते थे मैगी-आमलेट-

उन्होंने बताया कि जब मैं पहाड़ों पर चला गया तो जीवनयापन के लिए मुझे एक कोई नौकरी चाहिए थी तो ढाबे पर काम करने लगा। जहां मुझे 50 कप धोने पर 150 मिलते थे। और उसी ढाबे पर मैं मैगी और आमलेट भी बेचा करता था।

फिल्म जगत में वापसी-

इनकी वापसी फिल्म जगत में रोहित शेट्टी ने करवाई उन्होंने फिल्म ऑल द बेस्ट में संजय मिश्रा से संपर्क करके उन्हें इस फिल्म में कास्ट किया। जिससे इनकी फिल्म जगत में वापसी हो पाई और यह लगातार अपने अभिनय से हमें हंसाते आ रहे हैं।

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