हम सबकी दुलारी और समझदार बेटी अक्षरा, जी हां आपने सही पहचाना। हम बात कर रहे हैं, “यह रिश्ता क्या कहलाता है” की लीड एक्ट्रेस अक्षरा के बारे में जिनका असली नाम हिना खान है। हिना ने अपने करियर की शुरुआत 12 जनवरी 2009 को “यह रिश्ता क्या कहलाता है” के पहले एपिसोड से की थी।
यह शो आज भी टीवी जगत की दुनिया पर राज कर रहा है। अक्षरा अपने किरदार से हर घर में चाहने वाली बहू और बेटी बन चुकी थी। आपको बता दें कि हिना खान का जन्म 2 अक्टूबर 1986 में श्रीनगर में हुआ था। उन्होंने अपने एमबीए की पढ़ाई “सीसीए स्कूल ऑफ मैनेजमेंट” गुड़गांव, दिल्ली से की थी। वैसे तो हिना खान ने पढ़ाई पूरी होने के बाद एयर होस्टेस के लिए आवेदन किया था, लेकिन मलेरिया होने के कारण वह नहीं जा पाई। उसके बाद उन्हें अभिनय करने का एक मौका मिला और वह हमारी टीवी इंडस्ट्री से जुड़ गई।
अक्षरा अब यह रिश्ता क्या कहलाता है, शो का हिस्सा नहीं है। लेकिन आज भी वह अपने अभिनय, कला और खूबसूरती से करोड़ों दिलों पर राज करती हैं। हिना खान ने यह रिश्ता क्या कहलाता है के बाद बिग बॉस और खतरों के खिलाड़ी जैसे रियलिटी शो में भी अपने हिम्मत का प्रदर्शन किया है। इसके अलावा उन्होंने कई पॉपुलर टीवी शो में कैमियो भी किया है। हाल ही में एकता कपूर की सीरियल “कसौटी ज़िंदगी की” में वह कमोलिका का रोल करते नजर आई थी।
आज हम आपको हिना खान से जुड़ी एक ऐसी बात बताने जा रहे हैं जिसकी वजह से उनकी जिंदगी रुक सी गई है। हिना अपने पिता की दुलारी बेटी थी। वह अपने पिता से बहुत प्यार करती थी। इतना ही नहीं उनका का सारा काम – काज उनके पिता ही देखा करते थे। लेकिन 20 अप्रैल को अचानक हार्ट अटैक आने की वजह से हिना के पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे। इस हादसे से हिना खान की जिंदगी को रोक दिया है।
इस बात का खुलासा हिना खान के बॉयफ्रेंड रॉकी जयसवाल ने अपने एक इंटरव्यू में किया। रॉकी और हिना की पहली मुलाकात यह रिश्ता क्या कहलाता है के शो पर हुई थी। उसके बाद धीरे-धीरे उन दोनों का रिश्ता आगे बढ़ा। हालांकि अपने रिश्ते का खुलासा हिना खान ने बिग बॉस में किया था।
रॉकी का कहना है कि सिर्फ हिना ही नहीं बल्कि उनके पिता की मौत की वजह से रॉकी को भी सदमा लगा है क्योंकि रॉकी ने भी हिना के पिता के साथ एक ही बैनर के नीचे काम किया था।
20 जुलाई को हिना खान ने अपने पिता के साथ जुड़ी कुछ यादें सोशल मीडिया पर शेयर की है। वह इन फोटो के साथ लिखती हैं कि “पापा हमेशा कहा करते थे कि तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है”। मेरी कामयाबी पर पहली ताली पापा बजाया करते थे। वह अपने पिता को खोने का दुख नहीं बर्दाश्त कर पा रही है। जिसके चलते उनकी जिंदगी रुक सी गई है।