7 साल के बच्चों की तरह ही कौवे का दिमाग होता है। ये अन्य पक्षियों की तुलना में जल्दी सीखने वाले होते हैं, इसीलिए समाज में फैले प्रदूषण को हटाने के लिए कौवे को प्रशिक्षित किया जा रहा है। कौवे को कूड़े में से सिगरेट के टुकड़े को निकालकर कूड़ेदान में डालने की ट्रेनिंग दी जा रही है।
स्वीडिश कंपनी कोविड-क्लीनिंग ने कौवों को ट्रेनिंग देने की पहल की-
जैसा कि हम जानते हैं कि सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। सिगरेट पीने से पीने वाला ही व्यक्ति प्रभावित नहीं होता है बल्कि इसका असर पर्यावरण पर भी पड़ता है। उन्हीं टुकड़ों को साफ करने की जिम्मेदारी अब कौवे को दी जा रही है। ऐसे में उन्हें इस काम के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वह फर्श पर पड़े सिगरेट की बर्ड्स से उठाकर कूड़ेदान में फेंक सकें।
प्रशिक्षण के बाद कौवा सिगरेट के पीछे के भाग उठाएंगे और कूड़ेदान में फेंक देंगे। इसके बदले में उन्हें मूंगफली खाने को दिया जाएगा। फिलहाल ये प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुइ है, लेकिन कंपनी अभी इस जानकारी को जुटाने में लगी है कि सिगरेट के टुकड़े उठाकर अपनी चोंच में दबाने से कौवे के स्वास्थ्य पर कोई गलत प्रभाव तो नहीं पड़ेगा फिलहाल प्रक्रिया अभी जांच पर है।
अगर यह प्रक्रिया सफल होती है तो समाज में पड़े कूड़े में से एक ऐसा हिस्सा निकलकर अलग होगा, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और उससे भी कहीं ज्यादा अच्छी बात है। इसके एवज में कौवे को एक अच्छा खाना मिल जाएगा।