भारत आस्था से भरा देश हैं। यहां सभी अपनी संस्कृति और अपनी आस्था से जुड़े हुए हैं। कभी-कभी यह आस्था इतने चरम सीमा पर पहुंच जाती है कि यह अंधविश्वास का रूप ले लेती है। अंधभक्ति आपके अंदर अंधविश्वास जगा देती है, जिससे आप सामने हो रहे गलत और सही का फर्क ही नहीं समझ पाते हैं। इसी अंधविश्वास से जुड़ा एक मामला मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से सामने आया है। जहां मोक्ष की प्राप्ति के लिए एक वयोवृद्ध बाबा ने समाधि ली।
जानते हैं पूरा मामला
मुरैना जिले के 14 पंचायत से जुड़ा मामला केंद्र में आया है, जहां दुर्गा दास आश्रम के हनुमान जी और माता काली के मंदिर में पूजा पाठ करने वाले राम सिंह बाबा पप्पड़ बाबा, जिनकी उम्र 105 साल है। वह गड्ढे में लेट कर समाधि लेने वाले थे लेकिन इस कार्य में सफल रहे। यह मामला इतना ज्यादा आगे बढ़ा कि इसमें पुलिस को भी हाथ लगाना पड़ा।
गांंव में बाबा अपने परिवार के साथ रहते हैं और उन्हें 1 दिन सपने में देखा कि वह मोक्ष पाना चाहते हैं तो वह समाधि ले लें। बाबा ने मोक्ष की चाह में भूमि समाधि लेना उचित समझा और एक गड्ढे में लेट गए कि तभी पुलिस को सूचना मिली और पुलिस मौके पर पहुंचकर बाबा को ऐसा न करने के लिए मना लिया।
यह बात नवरात्र के पहले दिन की है। जब यह खबर आस-पास के गांव में फैली तो बड़ी संख्या में लोग बाबा के दर्शन करने के लिए पहुंच। इस दौरान बाबा को प्रसाद भी भेंट किया गया चढ़ावे के तौर पर रुपए भी चढ़ाएं गए।
जब तक पुलिस इस मामले में हाथ लगाती तब तक बाबा को गड्ढे में 2 घंटे हो चुके थे। जिससे उनकी तबीयत बिगड़ने भी लगी थी। पुलिस ने समझा कर उन्हें बाहर निकाला और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया। फिलहाल जानकारी लिखने तक उनका स्वास्थ्य स्थिर था।
कभी भी अपने आस्था और विश्वास को यह रूप में ना दें कि वह अंधविश्वास में बदल जाए और आपको सही और गलत का फर्क ही ना समझ में आए। आपका इस विषय में क्या राय है कमेंट करें।