CGWF 2020 और कई मिशाइल ने आकाशीय एक्सरसाइज में दिखाया दम।
चीन और भारत के आपसी विवादों को देखते हुए ।भारतीय वायु सेना ने एक्सरसाइज के दौरान आकाश मिसाइलों के साथ-साथ कंधे पर रखकर दागी जाने वाली इग्ला मिसाइलों का भी परीक्षण किया।
बड़ी बात यह है कि ये दोनों सिस्टम अभी पूर्व लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ-साथ दूसरे सेक्टरों में लगे हैं।पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के बीच चीनी एयर फोर्स से पैदा हुए खतरों से निपटने की रणनीति के तहत भारतीय वायुसेना ने आकाश मिसाइलों की टेस्टफायरिंग की। भारतीय वायुसेना के इस परीक्षण के तौर पर करीब 10 आकाश मिसाइलें दागीं। मिसाइल दागने की क्षमता के परीक्षण के वक्त इस बात का ध्यान रखा गया कि संघर्ष बढ़ने की सूरत में अगर दुश्मन के विमान भारतीय वायु सीमा का उल्लंघन करें तो उन्हें हर परिस्थिति में मार गिराया जाए।
भारत की इस रणनीति से चकाचौंध हुआ चीन
भरतीय वायु सेना ने एक्सरसाइज के दौरान छोटे बड़े 10 आकाश मिसाइलों के साथ-साथ कंधे पर रखकर दागी जाने वाली इग्ला मिसाइलों का भी परीक्षण किया। बड़ी बात यह है कि ये दोनों सिस्टम अभी पूर्व लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ-साथ दूसरे सेक्टरों में लगे हैं ताकि दुश्मन का कोई जहाज भारतीय वायुसेना में घुसने का प्रयास करे तो उसे तुरंत मार गिराया जा सके।
जिससे दुश्मन के अंदर कुछ करने से पहले खौफ आ जाए। सूत्रों ने कहा कि आकाश देश में बने सफलतम वेपंस सिस्टम में एक है। यह देसी हथियारों से युद्ध लड़ने की भारतीय सेना की चाहत पूरी करेगी। आकाश मिशाइल को हाल ही में अपग्रेड किया गया है और इसमें तलाशी यंत्र लगाए जा रहे हैं ताकि लक्ष्य को ढूंढने में पहले से ज्यादा आसानी हो। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) आकाश प्राइम मिसाइल सिस्टम को बहुत ऊंचाई वाले लक्ष्यों को भी भेदने के योग्य बनाने में जुटा है।
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