आज हम आपको मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बारे में बताने जा रहे है, जिनका रविवार सुबह निधन हो गया। वे 91 साल के थे। जोशी करीब तीन साल से बीमार थे, उनकी राजनीती में काफी चहल कदमी थी। यह एक प्रभावी नेता थे और इनको लोग इनकी सादगी के लिए जानते है। उनके पास स्वयं की एक कार भी नहीं थी। जब उन्होंने 5वी बार चुनाव जीता तब उन्हें कार्यकर्ताओ दवारा चंदा एकत्र कर एक कार गिफ्ट की गयी थी, उसके बाद वह ुइ कार का उपयोग करने लगे थे।
कैलाश जोशी का जन्म 14 जुलाई 1929 को देवास जिले की हाटपीपल्या तहसील में हुआ था। वे 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना के बाद ही उसके सदस्य बन गए थे। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी उन्होंने अपना कार्यभाल सम्भाला था।
कैलाश जोशी 1954 से 1960 तक देवास जिले में जनसंघ के मंत्री रहे। उसके बाद 1955 में वह हाटपीपल्या नगरपालिका के अध्यक्ष बने। 1962 से लगातार 7 विधानसभा चुनाव बागली सीट से जीते। उन्होंने बहुत ही कम उम्र में राजनीती में कदम रख दिया था, वह 26 साल की उम्र में राजनीती में आये थे।
खाने के थे शौकीन
जोशी के करीबी बताते है की वह खाने के बहुत ही शौकीन थे, जब भी वह भमोरी गाँव जाते थे, तो सिकी हुई मूंगफली और उसके साथ गुड़ खाने के लिए मंगवा लेते थे। उन्होंने कई बार आदिवासियों के घर मक्का की राबड़ी और मूंगफली खायी है।
नींद की बीमारी थी
कैलाश जोशीजी को CM बनाने के बाद से नींद की बीमारी लग गयी थी जिसके कारण उन्हें दिन में 18 घंटे तक की नींद लेना पड़ती थी, इससे उनका काफी काम प्रभावित होता था. कभी कभी एक साइन लेने के लिए अफसरों को घंटो इंतजार करना होता था। जिसके बाद विपक्ष ने उनसे इस्तीफे की पेशकश की थी, और उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
19 महीने जेल में रहे थे।
इमरजेंसी के समय उन्हें 19 महीने तक नजरबंद किया गया था। उन्हें मीसा कानून के तहत जेल भेजा गया था, जिसके बाद उन्होंने 19 माह जेल में बिताये। इसके बाद जोशीजी 1977 में पहले गैरकांग्रेसी मुख्यमंत्री बने | कई विपक्षी दलों के विलय के बाद प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार बनी। जनता पार्टी ने 320 में 231 सीटें जीतीं। तब कैलाश जोशी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इससे पहले वे 1972 से 1977 तक नेता प्रतिपक्ष रहे थे।