डायरेक्टर संजय लीला भंसाली को कौन नहीं जानता है। वह अपनी फिल्मों को लेकर अक्सर विवाद में रहते हैं। उनकी हर बड़ी फिल्म विवाद का कारण बन जाती है। संजय लीला भंसाली एक बार फिर विवादों में आ गए हैं अपने ड्रीम प्रोजेक्ट हीरा मंडी को लेकर, हीरा मंडी लाहौर की वह जगह है। जिसे रेड लाइट एरिया के नाम से भी जाना जाता है। इस मोहल्ले को शाही मोहल्ला भी करते हैं।इस फिल्म पर पाकिस्तानी फिल्म जगत के लोगों का कहना है कि संजय लीला भंसाली पाकिस्तान की किसी भी जगह पर कैसे फिल्म बना सकते हैं।
वैसे हीरा मंडी की बात की जाए तो ऐसी शाही मोहल्ला भी कहते हैं। हीरा मंडी का नाम सुनते ही जहन में हीरे से जुड़े हुए जगह का ही ख्याल आता है, लेकिन यहां पर सब कुछ बदला हुआ है। यहां जगह वेश्यावृत्ति करने वाली जगह के रूप में ज्यादा जाना जाता है। लाहौर का प्रसिद्ध और ऐतिहासिक इलाका है हीरा मंडी, जहां सिख राजा रणजीत सिंह के एक मंत्री हीरा सिंह के नाम पर इस जगह का नाम पड़ा और हीरा सिंह ने ही सबसे पहले इस इलाके में अनाज मंडी का निर्माण करवाया था।
उस दौर में यहां तवायफ को बसाने का काम भी हीरा सिंह ने ही किया था। जिसे राजा रणजीत सिंह ने अपना संरक्षण भी दिया। यह इलाका लाहौर के बीस में बसा हुआ है। एक समय था जब यहां लोक कला का प्रदर्शन देखे जाते थे। आज यहां वेश्यावृत्ति होती है। यहां हर जगह से लड़कियां पकड़कर लाई जाती है।
लाहौर के बगल में मुगल अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान से महिलाएं खरीदी जाती हैं। जिससे वेश्यावृत्ति का काम करवाया जाता है। लाहौर का यह इलाका वेश्यावृत्ति के लिए जाना जाता है। लाहौर के कुछ और इलाके भी रेड लाइट के तौर पर विकसित हुए हैं। इसलिए यहां कंपनी के आने के बाद चीजें बनाने लगी थी। हीरा मंडी की बात की जाए तो यह पाकिस्तान के अन्य बाजारों की तरह ही नजर आएगा, लेकिन यहां ग्राउंड फ्लोर में खाना बड़ी संगीत के उपकरण आपको बीते हुए दिखाई देंगे लेकिन शाम होते ही दूसरी मंजिल पर रोशनी या जगमग आ जाती हैं। हीरा मंडी के नाम से ही लोगों को पता हो जाता है कि वहां वेश्यावृत्ति होते हैं। कलंक फिल्म में हीरा मंडी का जिक्र हुआ था।