आपको बता दें कि इस वक्त नीरज चोपड़ा भारत में चर्चा और प्रशंसा का स्रोत बने हुए हैं और आखिर ऐसा क्यों ना हो! उन्होंने ब्राजील ओलंपिक 2008 में अभिनव बिन्द्रा के जीत के बाद भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक जीता है। जो प्रत्येक देश वासियों के लिए अविस्मरणीय रहा।
आपको बता दें कि नीरज चोपड़ा आर्मी में एक सूबेदार के पद पर कार्यरत है। उसके बावजूद उन्होंने एथलीट में अपने शानदार प्रदर्शन के साथ “जैवलिन थ्रो” में स्वर्ण पदक हासिल किया है, लेकिन नीरज चोपड़ा पहले ऐसे खिलाड़ी नहीं है जिन्होंने सेना में रहते हुए देश के लिए पदक हासिल किया है। उनके पहले भी कई ऐसे जवान है, जिन्होंने देश की सेवा करने के साथ-साथ देश का नाम भी विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में रोशन किया है। आई उनमें से कुछ भी झलक देखते हैं।
राज्यवर्धन सिंह राठौर, जिन्होंने ने ओलंपिक में देश के लिए रजत पदक अपने नाम किया है। आपको बता दें कि राज्यवर्धन सिंह राठौर सेना में एक विशिष्ट पद पर आसीन हैं। कर्नल राठौड़ ने ओलंपिक में सिल्वर जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट थे।
वहीं लंदन ओलंपिक 2012 में शूटर विजय कुमार ने कांस्य पदक अपने नाम किया। जिनका संबंध भी भारतीय सेना से है। शूटिंग में देश को पहला मेडल दिलाने वाले विजय कुमार ने खेल की बारीकियां महू की आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट यानी एएमयू में सीखी थीं।
देश के महान धावक जिनका हाल ही में निधन हो गया, मिल्खा सिंह ने भी सेना में भर्ती होकर देश के लिए काम किया है। हालांकि मिल्खा सिंह ओलंपिक में पदक लाने से चूक गए लेकिन वह भारत के लिए किसी रत्न से कम नहीं है।
अब बात करते हैं हॉकी के जाने-माने खिलाड़ी जिन्हें हम हॉकी के जादूगर के नाम से भी जानते हैं। मेजर ध्यानचंद जी इन्होंने ओलंपिक में भारतीय हॉकी का नक्शा ही बदल दिया। इनके दिशा निर्देश में भारत ने ओलंपिक में कई बार पदक अपने नाम किया है। आपको बता दें कि हाल ही में “राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड” का नाम बदलकर “मेजर ध्यानचंद” रख दिया गया है। यह कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके सम्मान में किया गया है।
आपको बता दें कि नीरज चोपड़ा ने अपना स्वर्ण पदक महान धावक मिल्खा सिंह के नाम समर्पित किया। वहीं राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी ने नीरज चोपड़ा से बात करके उन्हें उनकी शानदार प्रदर्शन और जीत के लिए बधाई दी है।