जिस प्रका बेटिया देश में दरिंदो से सुरक्षित नहीं है और हर रोज देश में किसी न किसी कोने से बलत्कार जैसी शर्मनाक घटनाये होते रहते है। जिसे देखते हुए वाराणसी के अशोक इंस्टिट्यूट ऑफ़ कॉम्प्यूटर साइंस कॉलेज की दो आत्मनिर्भर बेटियों ने एक विशेष प्रकार का “स्मार्ट चाकू “का निर्माण किया है, जो महिलाओ की सुरक्षा के लिए बहुत ही उपयोगी है और मददगार साबित होगा।
कैसे बचाएगा स्मार्ट चाकू महिलाओ को दरिंदो से –
स्मार्ट चाकू बनाने वाली वाराणसी की दो होनहार बेटियां शालिनी और दीक्षा के अनुसार यह चाकू आम चाकू जैसा नहीं है। उन्होंने बताया की इस स्मार्ट चाकू में सिम कार्ड का प्रयोग किया जाता है जिसे टेक्नॉलजी के माध्यम से स्मार्ट चाकू में उसमे व्यवस्थित करते है। जिसकी मदद से मुसीबत में फांसी महिला दुष्ट दरिंदो से अपनी रक्षा कर सकती है। उन्होंने बताया की स्मार्ट चाकू में लगे सिम कार्ड में फीड किये गए नंबर की सहायता से जब भी कोई महिला किसी मुसीबत में फांसी हो गी तो वो आसानी से स्मार्ट चाकू में लगे बटम की सहायता से उसमे फीड नंबर पर एक क्लिक में कॉल कर सकती है। कॉल करने पर स्मार्ट चाकू में फीड नम्बर पर कॉल के साथ महिला का लोकेशन भी चला जायेगा। जिसकी मदद से महिला के पास आसानी से पंहुचा जा सकता है और चाकू के कारण तब तक महिला अपनी आत्मरक्षा आसानी से कर सकेगी।
इसे बनाने वाली शालिनी और दीक्षा ने बताया की स्मार्ट चाकू रेडिओ फ्ऱीकेवेंसी और ब्लूटूथ के जरिये काम करता है। स्मार्ट चाकू में एक बहुत छोटा बटम लगाया गया है जो रेडिओ फ्रीकवेंसी के जरिये मोबाइल फ़ोन के संपर्क में रहता है और मुसीबत के समय इस बटम को दबाने पर इसमें फीड किये गए नंबर पर कॉल और लोकेशन चली जाती है। स्टील से बने इस स्मार्ट चाकू का वजन लगभग 70 ग्राम है और इसे बनाने में एक महीना का समय लगा है जिसका कुल खर्च 1500 रूपये आया है ।
छात्रों ने बताया की स्मार्ट चाकू बनाने में उनकी मदद अशोका इंस्टीटूट वाराणसी रिसर्च एंड डेवलप्मेंट सेल के इंचार्ज श्याम चौरसिया ने की थी श्याम चौरसिया ने बताया की स्मार्ट चाकू की मदद से न सिर्फ दरिंदो को डराया जा सकता है। इसके द्वारा पुलिस की भी साहयता ली जा सकती है।
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