क्या आपने कभी सोचा है कि इस धरती पर छोटे-छोटे गांव के लोग किस तरह से जीवन यापन कर रहे हैं। आइए जाने एक छोटे से गांव के बारे में इडली में एक ऐसा गांव है, जहां 3 महीने तक सूर्य की रोशनी ही नहीं पहुंचती है।
गांव का नाम विगनेला है जो उत्तरी इलाके में है। यह गांव चारों तरफ से पहाड़ों और घाटियों से घिरा हुआ है। इसी वजह से यहां ठंड के महीने नवंबर से लेकर फरवरी तक अंधेरा छाया रहता है। यहां के लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। नकारात्मक मानसिकता, नींद की कमी और अपराध भी बढ़ जाते थे। लेकिन इस गांव के लोगों ने ऐसा कर दिखाया, जो आप सोच भी नहीं सकते।
कहा जाता है न “आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है”। इस गांव ने रोशनी पाने के लिए एक आर्टिफिशियल सूरज बना लिया। गांव के लोगों ने रोशनी पाने के लिए साल 2006 में 100000 यूरो की मदद से 8 मीटर लंबा और 5 मीटर चौड़ा स्टील के सेट का निर्माण किया। जिस पर सूर्य की रोशनी पड़ते ही पूरे गांव में उजाला आ जाता है।
सूर्य के मार्ग का अनुसरण करने के लिए दर्पण को कंप्यूटर से जोड़ा गया। इस तकनीक के इस्तेमाल को लेकर विगनेला के मेयर पियरफ्रेंको मिडाली ने कहा, यह हम लोगों के लिए आसान नहीं था। इसके लिए पैसों का इंतजाम करना और तकनीक के बारे में सीखना था। यहां पर अब ठंड के मौसम में भी गांव को रात के समय में रोशनी मिल जाती है और रात का पता भी नहीं चलता।