भोजपुरी गानो और फिल्मो में दिखाए जाने वाली अश्लीलता पर CM योगी सख्त, अब नहीं दिया जाएगा अनुदान |

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हम सभी ने देखा है की, भोजपुरी फिल्मो और उनके द्वारा बनाये गए गानो में काफी अश्लीलता दिखाई जाती है, जिसके खिलाफ CM योगी ने सख्त कदम उठाये है। जानिए पूरा मामला।

हाल ही में राजू श्रीवास्तव ने सीएम योगी को भोजपुरी फिल्मों और गानों में बढ़ रही अश्लीलता के बारे में उन्हें बताया है। उन्होने कहा है, की भोजपुरी फिल्मो में दिखाई जाने वाली अश्लीलता से हमारी संस्कृति और समाज पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है, इस रोकने की सख्त जरुरत है।

इसके बाद भोजपुरी फिल्मों और गानों में बढ़ती अश्लीलता पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके खिलाफ सख्त कदम उठाया है। उन्होने बताया की अश्लीलता परोसने वाली फिल्मों को सरकार द्वारा दिए जाने वाले अनुदान राशि को नहीं देगी। यूपी फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष राजू श्रीवास्तव के प्रस्ताव पर ये निर्णय लिया गया है।

राजू श्रीवास्तव ने की सीएम योगी से मुलाकात

राजू श्रीवास्तव इस समय उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष के तोर पर काम कर रहे है। श्रीवास्तव ने गुरुवार को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर मुलाकात की थी, इसके साथ ही उन्होंने सीएम को फिल्म सिटी स्थापना प्रक्रिया की जानकारी दी।

सीएम ने अश्लीलता दिखाई जाने वाली फिल्मों के अनुदान पर लगाई रोक। 

इस मेटिंग के बाद योगी को भोजपुरी फिल्मों और गानों में बढ़ रही अश्लीलता के बारे में बताया, जिससे हमारी संस्कृति और समाज पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है, इस तरह की फिल्मो को बनने से रोकने के लिए सख्त कदम की जरुरत है।  सीएम योगी ने कहा कि ऐसी फिल्म और गाने जो अश्लीलता को बढ़ावा देती हैं, उन फिल्मों को अनुदान देने पर तत्काल रोक लगा दी जाए।

इन स्क्रिप्ट पर लगाई रोक

राजू श्रीवास्तव ने सीएम योगी को बताया कि जिन 62 फिल्मों की स्क्रिप्ट का परीक्षण किया गया था उन सभी फिल्मो की स्क्रिप्ट में अश्लीलता और अनैतिकता बढ़ाने वाली चीजे दिखाई गयी है। इसके साथ ही यह फिल्मे सरकार द्वारा बनाई गई फिल्म नीति के निर्धारित मानकों पर खरी नहीं उतरतीं है।  कुछ फिल्मों की स्क्रिप्ट को पुनर्विचार के लिए समिति के सदस्यों के पास दोबारा भेज दिया गया है, ताकि उसका गहन अध्ययन किया जा सके।

 

 

सीएम योगी के सामने रखे ये प्रस्ताव

श्रीवास्तव ने सीएम योगी से आग्रह किया की फिल्मो के साथ ही वेब सीरीज और टीवी सीरियल को भी फिल्मों की तरह सब्सिडी के दायरे में लाया जाना चाहिए और इन सभी को कुछ शर्तों के साथ अनुदान देने पर सरकार को विचार करना चाहिए।

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