आज सभी देश अपने पास ज्यादा से ज्यादा हथियार रखने के लिए प्रयास करते रहते है। उसी क्रम में चीन भी है जिसके पास आज भारत से दो गुना जतदा परमाणु हथियार उपलब्ध है। इसके पास और भी कई प्रकार के हथियार हों की जानकारी प्राप्त हुई है। बीजिंग से करीब 2000 किलोमीटर पश्चिम में मौजूद बंजर रेगिस्तान को चीन सरकार इन दिनों जगह-जगह खोद रही है। इसमें अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों, यानी ICBM से परमाणु हथियारों को दागने के लिए सैकड़ों किमी लंबा-चौड़ा मैदान है। इसके लिए यह ठिकाने बनाये जा रहे है।
रेगिस्तान में 110 से ज्यादा ठिकाने
चीन द्वारा उत्तर-पश्चिमी प्रांत यूमेन के करीब रेगिस्तान में 110 से ज्यादा अंडरग्राउंड ठिकाने बना रहा है। जिससे वह मिसाइल को किसी भी देश के ऊपर दाग सकता है। ऐसे ठिकानों से भरे पूरे इलाके को साइलो फील्ड कहा जा रहा है। इनसे ऐसी बैलिस्टिक मिसाइलें दागी जा सकती हैं, इन मिसाइल की मारक दूरी 5,500 किमी से भी ज्यादा होगी। यह खुलासा कॉमर्शियल सैटेलाइट्स से ली गई तस्वीरों की एनालिसिस से हुआ है। जिसमे इन ठिकानो को देखा गया है।
क्या खुद को अमेरिका और रूस की तरह सुपर पावर दिखाना चाहता है चीन ?
चीन परमाणु हथियारों को लेकर अब तक न्यूनतम सिद्धांत पर चल रहा चीन अधिकतम पर क्यों चला गया ? क्या इसके पीछे यही कारण है की, चीन अब अमेरिका की तरह ही शक्तिशाली दिखने के प्रयास कर रहा है। इसके पीछे विशेषज्ञ इस बदलाव के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग को सबसे बड़ी वजह मान रहे हैं। चीन अब खुद को एक आर्थिक, तकनीकी और सैन्य सुपर पावर मानता है और यह दुनिया को दिखाना चाहता है कि, उसका परमाणु जखीरा भी बाकी सुपरपावर यानी अमेरिका और रूस जैसा बड़ा हो रहा है।
बड़े हथियार का निर्माण
चीन के पास कई परमाणु हथियार होने के साथ साथ अन्य कई बड़े हथियार मौजूद है। उसके पास बड़ी संख्या में दूर तक मार करने वाले परमाणु हथियार बनाकर काउंटर करना चाहता है। दुनिया का अच्छे से अच्छा मिसाइल डिफेंस बड़ी संख्या में दागी गईं अलग-अलग तरह की मिसाइलों से चकरा सकता है।
चीन को चिंता है कि जमीन से दागी जाने वाली उसकी मिसाइल हमले की स्थिति में तबाह हो सकती हैं। इसलिए उसने दो जगहों पर 200 से ज्यादा साइलो बनाकर चीन अपने दुश्मन को चौंकाना चाहता है। ताकि अलग अलग जगह से वॉर किये जा सकते है।
अमेरिका से युद्ध की स्थिति में अगर चीन 20 परमाणु मिसाइलों को इन 200 से ज्यादा साइलोज में घुमाता रहा तो अमेरिका मिसाइलों का अंदाज ही लगाता रह जाएगा। की किस जगह से यह मिसाइल दागी जा रही है।
सैटेलाइट मार गिराने वाले लेजर हथियार के ठिकाने का भी पता चला
हामी इलाके से करीब 420 किमी पश्चिम में एक सुव्यवस्थित परिसर में ऐसी बिल्डिंग्स का भी पता चला है, जिसकी छत आसमान की ओर खुलती हैं। विशेषज्ञों ने इस परिसर को चीन के उन पांच ठिकानों में से एक बताया है जहां से वह अंतरिक्ष में चक्कर लगाते निगरानी सैटेलाइट्स को लेजर बीम दागकर गिरा सकता है। यह गन आज सभी दशो के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।