टोक्यो ओलंपिक 2020 में टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा ने देश की उम्मीद तोड़ी और तीसरे राउंड में हुई बाहर। मनिका बत्रा ने अपनी शुरुआती 2 जीत से देश को पदक की उम्मीद दिलाई थी, लेकिन अपने तीसरे राउंड में वह खरी नहीं उतर पाई और हार का करना पड़ा सामना।
जिसका एक कारण राष्ट्रीय कोच से मदद ना लेना भी है, जिसकी वजह से भारत लौटने पर टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया कड़ी कार्रवाई करेगा।
राष्ट्रमंडल खेलों में टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले सौम्यदीप रॉय भारत के एकमात्र टेबल टेनिस राष्ट्रीय कोच है और जो अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित भी है।
रॉय को टेबल टेनिस के खिलाड़ियों के साथ इस स्पर्धा में जाने की अनुमति थी, लेकिन मनिका बत्रा ने इनसे मदद और सलाह लेना जरूरी नहीं समझा, क्योंकि वह अपनी निजी कोच सन्मय पराजंपे के साथ टोक्यो गई थी।
लेकिन इस स्पर्धा के नियमों के अनुसार उन्हें खिलाड़ी और खेल स्थल से दूर रखा गया, उन्हें मनिका से मिलने का मौका नहीं दिया गया। इसके बावजूद मनिका ने राष्ट्रीय कोच की मदद नहीं ली।
जिस पर टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव अरुण कुमार बनर्जी ने उन पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है और टोक्यो से पीटीआई- भाषा से कहा कि इस अनुशासनहीनता के खिलाफ जल्द से जल्द कड़ी कार्यवाही होगी। इस घटना के बाद हर अखिल भारतीय खिलाड़ियों की उपस्थिति राष्ट्रीय शिविरों में अनिवार्य होगी। बनर्जी कहते हैं कि मनिका एक अच्छी खिलाड़ी है, लेकिन इनकी इस अनुशासनहीनता ने उन्हें जीत और देश को पदक से दूर कर दिया।
मनिका ने मात्र 27 मिनट में मान ली अपनी हार ऑस्ट्रिया की सोफिया पोल्कानोवा ने उनका मात्र 27 मिनट में हार से सामना करा दिया। मनिका का इस मैच में शुरुआत से ही कुछ खास प्रदर्शन नहीं दिखा। गौर करने वाली बात यह है कि मनिका ने सोनीपत में राष्ट्रीय शिविर में मात्र 3 दिन के लिए भाग लिया जो कि तकरीबन 3 सप्ताह तक चला था।