कई दफा नाविकों के साथ ऐसी दुर्घटना हो जाती है जहां वह समुद्र के बहाव के साथ किसी अनजान टापू पर चले जाते हैं और वहां पर जिंदा रहना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती का काम होता है और इस चुनौती का 438 दिनों तक सामना करके अपने घर पहुंचे नाविक ने बताया
कि वह अपने दोस्त के साथ मेक्सिको में स्थित अपने गांव से बाहर मछली पकड़ने समुंद्र गए हैं इस काम में उन्हें केवल 1 दिन लगना था लेकिन यह समय 438 दिन में बदल गया।
तूफान आने के कारण
ब्लैक टिप शार्क व सेलफिश को पकड़ने की योजना के साथ यह लोग समुंद्र में गए। लेकिन खतरनाक तूफान आ जाने के कारण और तेज बारिश और हवा के चलते यह वही फंस गए। जोस ने अपनी पकड़े हुए मछलियों को पुनः समुंद्र में डाल दिया ताकि उनके नाव का वजन कम हो। नाव पानी के तेज बहाव के साथ कोसों दूर चली गई। उनके पास कोई ऐसा साधन नहीं था जिससे वह उजाला करें। खाने पीने की वस्तुओं भी नहीं थी।
खाने पड़े कच्चा मांस मछली
किसी तरह जोस जमीन तक पहुंचे। जोस और उनके साथी ने खुद को बचाने के लिए समुद्री पक्षी, मछली, कछुए इत्यादि को पकड़कर कच्चा मांस खाकर अपनी भूख शांत करते थे। बारिश के पानी को पीते थे, पीने के पानी की कमी के कारण भी कछुए के खून को भी पीया करते थे। यहां तक उन्हें अपना पेशाब भी पीना पड़ा।
साथी की हुई भूख से मौत
जोस के साथी की कच्चा मांस खाने का मन नहीं करता था और उन्होंने इसे खाना छोड़ दिया। अंततः उनकी भूख से मौत हो गई। जिसके कारण जोस बिल्कुल अकेले हो गए उनकी जीने की चाहत खत्म होने लगी थी। उनका मानसिक संतुलन भी डगमगाने लगा था।
नर्क जैसी जिंदगी बिताते बिताते एक दिन जोस को मार्शल द्वीप समूह का एक छोटा सा कोना दिखाई दिया। जोस नाव से छलांग लगाकर तैरकर वहां तक पहुंचे। जोस वहां पर बेहोश हो गए। ब्रीज के मालिक ने उन्हें देखा तो पुलिस को खबर की। पुलिस ने उन्हें हॉस्पिटल ले जाकर पहले उनका इलाज कराया। जब जोस स्वस्थ हुए तो उन्होंने अपने परिवार के विषय में बताया। जिस परिवार ने उन्हें मरा हुआ मान लिया था, उस परिवार के सामने अचानक ही जोस का आना, उनके लिए सबसे बड़ी खुशी थी। जोस भी अपने परिवार में वापस लौट कर काफी खुश हो गए।