अफगानिस्तान के हालात को देखते हुए भारत और देश के राष्ट्रीय प्रमुखों के बीच 45 मिनट तक बातचीत हुई। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत की। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के सहयोग और अफगानिस्तान के ताजा हालातों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले जर्मनी के चांसलर एंजेला मर्केल से भी अफगानिस्तान के हालात पर बातचीत किए थे। यह सभी देश इस वक्त अफगानिस्तान में जारी संकट पर नजर बनाए हुए हैं और साथ ही काबुल एयरपोर्ट से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर सभी देशों के बीच सहयोग जारी है।
इस समय भारत का पूरा ध्यान अफगानिस्तान में फंसे नागरिकों को वापस देश लाने पर है। अफगानिस्तान के हालात को देखते हुए भारत वेट एंड वॉच की नीति अपनाते हुए अफगानिस्तान पर नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान के हालात को देखते हुए 26 अगस्त को सभी राजनीतिक दलों से चर्चा करने के लिए बैठक बुलाए हैं।
इस समय दुनिया के सभी देशों की नजर तालिबान पर बनी हुई है तालिबानियों को अफगानिस्तान पर अपना कब्जा किए हुए 1 सप्ताह हो गया है और ऐसे में दुनिया के कई देश अफगानिस्तान से अपने लोगों को निकालने में लगे हुए हैं। अभी तक किसी देश ने तालिबान को मान्यता देने की बात नहीं की है लेकिन हां कुछ देशों ने तालिबान पर प्रतिबंध लगाने के संकेत जरूर दिए हैं। तालिबान का लगातार दुनिया से अपील जारी है कि वह उन्हें मान्यता दें। तालिबान ने सभी देशों से अपनी एंबेसी को चालू रखने की अपील की है लेकिन अधिकतर देशों में अपने एंबेसी को खाली कर चुके हैं। ताजा हालात को देखते हुए किसी भी देश को तालिबानियों पर विश्वास नहीं है।